Monday 9 April 2012

haji ali!!!!!!!!!!!!!!!

हाजी अली की दरगाह

हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित एक मस्जिद एवं दरगाह हैं। इसे सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में सन १४३१ में बनाया गया था। यह दरगाह मुस्लिम एवं हिन्दू दोनों समुदायों के लि...ए विशेष धार्मिक महत्व रखती हैं। यह मुंबई का मत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल भी है
दरगाह को सन १४३१ में सूफी संत सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में बनाया गया था। हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुचे थे।
हाजी अली की दरगाह वरली की खाड़ी में स्थित है। मुख्य सड़क से लगभग ४०० मीटर की दुरी पर यह दरगाह एक छोटे से टापू पर बनायी गयी है॥ यहाँ जाने के लिए मुख्य सड़क से एक सेतु बना हुआ हैं। इस सेतु की उचाई काफी कम है और इसके दोनों ओर समुन्द्र है। दरगाह तक सिर्फ निम्न ज्वार के समय ही जाया जा सकता है अन्य समय में यह सेतु पानी के नीचे डूबा रहता है। सेतु के दोनों ओर समुन्द्र होने के कारण यह रास्ता काफी मनोरम हो जाता है एवं दरगाह आने वालो के लिए एक विशेष आकर्षण हैं।

दरगाह टापू के ४५०० वर्ग मीटर के छेत्र में फैली हुई हैं। दरगाह एवं मस्जिद की बाहरी दीवारे मुख्यता श्वेत रंग से रंगी गयीं हैं। दरगाह के निकट एक ८५ फीट ऊँची मीनार है जो की इस परिसार की एक पहचान है। मस्जिद के अन्दर पीर हाजी अली की मजार है जिसे लाल एवं हरी चादर से सज्जित किया गया हैं। मजार को चारो तरफ चांदी के डंडो से बना एक दायरा है।


दरगाहमुख्य कक्ष में संगमरमर से बने कई स्तम्भ हैं जिनके ऊपर रंगीन कांच से कलाकारी की गयी हैं एवं अल्लाह के ९९ नाम भी उकेरे गएँ है।

समुंदरी नमकीन हवाओं के कारण इस इमारत को काफी नुकसान हुआ हैं. सन १९६० में आखिरी बार दरगाह का सुधार कार्य हुआ था।
haji ali baba ki jai!!!!!!!!!!!!!!!

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